नजर गजल
नजर गजल
नज़र ना लग जाए तुझको किसी की इस लिए
तेरी आँखों का काजल बनूँगा..
तेरी खुशियों का आंगन ना रह जाए सुना
इस लिए तेरे पैरों की पायल बनूँगा..
अगर तुझको मोहब्बत किसी और से आज,
तुम दोनों ही का में हँसी कल बनूँगा..
मेरे हमसफ़र तू जिन राहों पे चल दे,
अगर कांटे हो उन पर तो मख़मल बनूँगा..
तुम यूँ ही बेगैरत हर जन्म में रहना,
मैं हर जन्म में टूटा शायर बनूँगा..