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chandraprabha kumar

Inspirational

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chandraprabha kumar

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निस्स्वार्थ भाव

निस्स्वार्थ भाव

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सूर्य रोशनी दे रहा

पृथ्वी घूम रही ,

हवाएँ बह रहीं

इनका कोई स्वार्थ नहीं।


प्रकृति का हर पदार्थ 

लगा है विशाल कर्मों में , 

प्रकृति के गुण बड़े अद्भुत 

ध्यान हमने कभी दिया नहीं ।


देखें जरा ध्यान से

स्वार्थ का पूर्ण अभाव है ,

प्रकृति का छोटे से छोटा कण

लगा हुआ है अपने काम में ।


निस्स्वार्थ भाव से कर्म

यह प्रकृति का विज्ञान है,

हम भी प्रकृति का हिस्सा हैं

हम भी करें निस्स्वार्थ कर्म ।


कर्म करें बिना स्वार्थ भावना के 

बिना कारण किये कर्म होंगे निस्स्वार्थ,

महसूस होगा आनन्द और सुकून

जीवन बनेगा शान्त सफल ॥



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