निशां
निशां
तुम्हे ढूढ़ते हुए
जिस भी जगह
पहुंचती हूँ,
पता चलता है
सालों पहले
तुम आए थे,
लेकर तुम्हारे
बचे हुए निशां
लौट जाया करती हूँ,
जाने कब तक
सहेज पाऊँगी इन्हें
जो मिले तुम तो
तुम्हें ही लौटा दूँ इनको।।
तुम्हे ढूढ़ते हुए
जिस भी जगह
पहुंचती हूँ,
पता चलता है
सालों पहले
तुम आए थे,
लेकर तुम्हारे
बचे हुए निशां
लौट जाया करती हूँ,
जाने कब तक
सहेज पाऊँगी इन्हें
जो मिले तुम तो
तुम्हें ही लौटा दूँ इनको।।