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विश् आल

Romance

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विश् आल

Romance

निशा

निशा

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चांद से कुंडल कर्ण पटल पर,

तारों भरी झिलमिल चुनरी है

जिसकी खामोशी में भी आवाज है,

हसरतें उसकी सहमी सी,

चाल से लगती ठुमरी है।

समृद्ध और शांत हृदय में यादें समेटे 

पग पग पर निशां छोड़े ,

दुनिया को आराम से रुबरु कराने,

नव दिवस की आशायें लिए

अल्हड़ यौवना यामिनी,

इस चंचल धरा पर

आई निशा सुंदरी है।


जन्मदिन की अनन्त शुभकामनाएं

रात की रानी..



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