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Anupam Meshram

Inspirational

4.5  

Anupam Meshram

Inspirational

-निरन्तरता

-निरन्तरता

1 min
383



बढ़ता जा आगे अनवरत

मत देख तू पथ के काँटों को,

चुभते है चुभ जाने दे इन्हे

ना रोक तू बढ़ते कदमो को,

दर्द सहले बयां ना कर

तू भूल जा इन व्यर्थ की बातो को,

आगे बढ़ हौसला ना हार कभी

तुझे छूना है उस ऊंचाई को,

जलना है जलती धुप की तरह तुझको भी

रुख ना मोड़ अपना ठंडी छांवो की तरफ,

बरसात होना हो भले ही

तू तुफानो को चीरता हुआ चल,

रौशनी हो या गहरा अंधेरा हो वहां 

हो वो राह वीरान या हो खूब सन्नाटा हो वहां,

उन सुनी राहो से

तू खुद का सहारा बनकर निकल,

धूल भरी आंधी हो चाहे

सर्द हवाओ की बात हो,

देख ना पीछे मुड़कर फिर तू

दिन हो चाहे रात हो,

निकल थककर तू ना बैठ कभी

जज्बाती भले कोई बात हो,

कर अथक परिश्रम तू भी के

सफलता को भी तुझपर नाज हो l


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