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Archana Pati

Inspirational

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Archana Pati

Inspirational

निर्भया

निर्भया

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सहज नहीं जीवन उसका

जबसे आयी इस दुनिया में

संघर्षों में ही कटा हर कतरा

कितनी हिम्मत है ना उसमें

तभी तो वो निर्भया है...


ईश्वर का वरदान है

हर घर की शान है

रिश्तों को जोड़ती है

संस्कारों को सहेजती है

सबका खयाल रखती है

तभी तो वो निर्भया है...


वो जिम्मेदार बनी रही

खुद के लिए नहीं

पर अपनों के लिए

जीती रही...

फिर भी इल्ज़ाम लगे

ताने सुनकर आगे बढ़ती रही


समाज कहता रहा

वो सुनती रही

कभी वो आगे बढ़ जाए

तो तारीफों में नहीं

बदनामियों में अपने

सपनों को संजोती रही


वो सोचती है आज भी

जब समाज एक है

तो न्याय अलग क्यों

अगर वो कुछ कहे

तो होता है हंगामा क्यों


हक उसका दबाकर

बेड़ियों में उसे जकड़कर

उसे आगे बढ़ने से

ये समाज रोकता है... क्यों


एक ही घर में जन्मे

दो भाई बहन में

इतना फर्क क्यूं

एक ही समाज में

आधे से अधिक नियम

उसके लिए ही क्यों


वो तो निर्भया है

इतना सहा तो

आगे भी सह लेगी

पर समाज के नज़रों

के इस चश्मे पर

जो ये धूल सदियों से

है जमी... न जाने कब

साफ होगी...


हां... वो निर्भया है

आज भी लड़ रही

हालातों से

कल भी लड़ेगी

और आगे बढ़ेगी


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