नहीं जानती हो तुम उस लड़के को
नहीं जानती हो तुम उस लड़के को
तुम नहीं जानती उसे ,,,,,
तुम जानती हो उस लड़के जो अल्हड़ है ,
तुम जानती हो उस लड़के को जो सिर्फ तुमसे बकवास करता था,
तुम जानती हो उस लड़के को जो बेफिक्र रहता था ,
तुम जानती हो उस लड़के को जो मस्तमौला था ,
तुम जानती हो उस लड़के जो तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करता है ,
तुम जानती हो उस लड़के को जो इश्क़ को इबादत समझता है ,
तुम जानती हो उस लड़के को जिसके लिए तुम्हारी एक मुस्कुराहट ही खुशी के मायने थे,
तुम जानती हो उस लड़के को जो सिर्फ तुम्हारा था ,
लेकिन ..........
क्या तुम जानती हो उस लड़के को जो अब चुप रहता है ,
क्या तुम जानती हो उस लड़के को अपने घर आए लोगो से ,
रिश्तेदारों से सिर्फ हाय हेल्लो तक सीमित रहता है ,
क्या तुम जानती हो उस लड़के को जिसे अब भीड़ में घुटन महसूस होती है,
क्या तुम जानती हो उस लड़के को जिसके आंखो में शून्य जितना सूनापन है ,
क्या तुम जानती हो उस लड़के को जो इश्क़ का फकीर कहलाता है ,
क्या तुम जानती हो उस लड़के को जिसके बाल और दाढ़ी बेतरतीब है ,
क्या तुम जानती हो उस लड़के को जिसके चेहरे पे झूठी मुस्कुराहट है ,
क्या तुम जानती हो उस लड़के को जिसके खूबसूरत से शरीर के अंदर घायल दिल है ।।।
नहीं तुम नहीं जानती और ना कभी जान सकती हो क्यूं की वो लड़का आज भी तुम्हारा है ,
क्यूं की आज भी उसके लिए तुम और तुम्हारी मुस्कुराहट ही सबसे बड़ी खुशी है ,
क्यूं की तुमसे जब भी सामना हुआ उसने अश्कों को छिपाया है और तुमने उसे अच्छा ,
खुदगर्ज और बेगैरत समझ के मुंह मोड़ा है ।
नहीं जानती हो तुम उस लड़के को ,,,,,,,,,