" नेतृत्व "
" नेतृत्व "
कभी -कभी
हम क्रांति का
उद्घोष करते हैं !
अपने अधिकारों
को पाने के लिए
संघर्ष करते हैं !!
अपनी लेखनी
अपना तर्क
सोशल मीडिया
के पन्नों में खूब लिखे !
अपने विचारों को
उनके समक्ष
खूब रखे !!
पर धरातल से दूर
रहकर कैसे
आएगी क्रांति ?
जनमानस तो
बिखर जाएगी
फैल जाएगी भ्रान्ति ??
धेर्य , शांति ,मृदुलता
नेतृत्व का श्रृंगार है !
इससे जो विचलित हो गए
मिलता नहीं जनाधार है !!
