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Sudhir Srivastava

Tragedy

4  

Sudhir Srivastava

Tragedy

नैतिकता अब बहुमूल्य नहीं है

नैतिकता अब बहुमूल्य नहीं है

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दुनिया कहां से कहां पहुंच गई

और आप अभी भी

नैतिकता की बात करते हैं

शायद भ्रम में जी रहे हैं

तभी तो नैतिकता को बहुमूल्य मानते हैं,

लगता है अभी तक आप 

ढिबरी और बैलगाड़ी युग में ही जी रहे हैं,

या हर समय नींद में ही रहते हैं।

आज नैतिकता का वजूद कहां है

हर कोई नैतिकता की सिर्फ दुहाई भर दे रहा है

खुद ही नैतिकता को ठेंगा दिखा रहा है

जो जितना ज्यादा अनैतिक हो

वो उतना ही चीखता चिल्लाता है

नैतिकता की राह पर चलने वालों को 

बड़ी साफगोई से आइना दिखा रहा है

गिरगिट की तरह रंग बदलकर

सबको बेवकूफ बना रहा है

खुद को बड़ा सयाना दिखा रहा है।

आज नैतिकता का सर्वाधिक अवमूल्यन हो रहा है,

नैतिकता को सरेआम ठोकर मारा जा रहा है।

नैतिकता बहुमूल्य है का

सिर्फ राग अलापा जा रहा है,

नैतिकता को पैरों तले रौंदा जा रहा है

नैतिकता और उसके मूल्यों को

खूब बदनाम किया जा रहा है

नैतिकता का सिर्फ प्रचार किया जा रहा है

नैतिक मूल्यों को ढेंगा दिखाया जा रहा है

नैतिकता और उसके मूल्यों को

कूड़ेदान की भेंट किया जा रहा है।

नैतिकता को बदनाम किया जा रहा है

नैतिकता के मूल्यों को रसातल में भेजा जा रहा है।


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