STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

4  

Sudhir Srivastava

Abstract

फार्मूला

फार्मूला

1 min
4

फार्मूला ******* जिद्दी हो, तो जिद करते रहिए, मन की तसल्ली की खातिर जो मन में आये, करते रहिए, नासमझों को मनाने का हर संभव प्रयास करते रहिए। बड़ी फुर्सत में हो तो, ये भी सही है प्यारे, बेवजह रुठने वालों को जबरन याद करते रहिए, मासूमियत की आड़ में बेकार हर अदा होगी, प्यार के साथ तनिक विवाद भी करते रहिए। जिन्हें आपकी चाहतों, अदाओं, कोशिशों को नजरंदाज करने की आदत है, उनसे ज्यादा तो नहीं, बस! दो- दो हाथ भी करते रहिए, या फिर उन सबसे आँख फेरने का हुनर तत्काल ही सीख लीजिए, यदि गुरु की दरकार हो तो आकर हमसे मिलिए। मगर अपने बीपी, शुगर पर नियंत्रण रखिए संयम संग सदा हँसते-मुस्कराते रहिए, कभी-कभार हमको भी मना लिया करो जनाब इसके लिए यदि रुठना जरुरी है तो उधार में फार्मूला बाँटते रहिए। सुधीर श्रीवास्तव 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract