नारी शक्ति
नारी शक्ति


खुल गए दरवाज़े जो बंद थे अब तक
हो गया उजाला जो अंधेरा था अब तक
आ गया सूरज अमावस बीत गई
जाग गई है नारी तेज़ गति है उसकी
रही है रक्षा आज समूचे हिंदुस्तान की
मिलेगा अगर मौका, ना चूकेगी कभी, ना रुकेगी कभी
हर चुनौती को अंजाम तक लाकर रहेगी
है शक्ति नारी में माँ दुर्गा भवानी की
राक्षसों का संहार करने में नहीं पीछे हटेगी
तलवार खींच ली अगर म्यान से उसने
ना भूलो झाँसी की रानी का रूप धारण कर लेगी
class="ql-align-center">रथ के दोनों पहिये बराबरी से चलते हैं जहाँ
वह परिवार खुशहाल रहता है वहाँ
यह बात जो सीमित थी अभी तक परिवार तक
वह बात थी कल की, जो बीत गई अब तक
हो गया है विश्वास अब
कदम से कदम मिलाकर चलना है
और देश के लिए लड़ना है
आज तो दो बूँद खून की जहाँ तुम्हारी गिरेंगी
कसम है मातृभूमि की
चार बूंद तुम्हें वहाँ हमारी भी मिलेंगी
चार बूंदें तुम्हें वहाँ हमारी भी मिलेंगी