नारी शक्ति
नारी शक्ति
तुम चुप मत बैठो, जब हो तुम संग अत्याचार,
प्रतिकार करने को सदा रहो तुम तैयार,
जब कभी भी हो तुम्हारी अस्मिता पर वार,
कर डालो उस मानव रूपी राक्षस का संहार।
तुम तो हो इस जग में अवतार शक्ति की,
फिर तुम पर कैसे दिखाते लोग अपनी शक्ति,
तुम अब छोड़ दो दिखाना अपनी अंधभक्ति,
नारी उठाओ अस्त्र दिखा दो अपनी छुपी शक्ति ।
जो गाकर तुम्हारी स्तुति,चाहते पाना अदम्य शक्ति,
वही रखते तुम्हारे रंग-रूप पर अपनी कुत्सित दृष्टि।
लो संज्ञान, करो खुद का कल्याण तोड़ कर कुदृष्टि,
तुम जब रहोगी सुरक्षित, तभी तो बची रहेगी यह सृष्टि।
नारी के कारण ही इस जग में बची हुई है मानवता,
नारी ही तो है समस्त सृष्टि में सृजनकर्ता!
नारी शक्ति से ही मिलती है पूरे ब्रह्मांड को शक्ति,
बनी रहे नर के मन में नारियों के लिए श्रद्धाभक्ति !