नाराजगी
नाराजगी
नज़रों की गुस्ताखियाँ थीं, नज़रें कर गयीं।
ना तूने कभी सोचा था, ना मैंने
जो हुआ, शायद ही कोई वजह रही होगी।
नाराजगी हुई थी तुझसे,
गुस्सा भी बहोत आया था।
माना कि तूने, कभी गलत नहीं किया,
पर सही भी तो नहीं किया।
गलती तो तेरी थी, ये तुझे भी पता है,
मगर दिल ने तुझे माफ़ किया।
अक्सर ये ख्याल भी आता है, की क्यूं किया,
शायद ही कोई वजह रही होगी, जो तूने ऐसा किया।
शायद ही कभी माफ़ कर पाते, तुझे
मगर दिल का अच्छा था, तो माफ़ किया।
नाराजगी हुई थी, तुझसे
गुस्सा भी आया था।

