umme salma

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4.5  

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नानी माँ

नानी माँ

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हर पल तेरा वो मुस्कुराना

पल पल मेरे लिए दुआयें माँगना

ईद पे तेरा सजना, मुझे सजाना

टोटको से बुरी नज़र का उतारना

नानी माँ याद आये मुझे वो गुज़रा ज़माना।


तेरा वो मुझे पढ़ाना

गोल सुन्दर अक्षर लिखाना

ग़लतियो पे वो प्यार से डांटना

हर छोटी-बड़ी जीत पे खुशियाँ मनाना

नानी माँ याद आये मुझे वो गुज़रा ज़माना।


वो झूठ मूट का रूठ जाना

दुझे ही पल मान जाना

वो एक साथ खेलना

कभी बेमानी से जीतना, कभी यू ही हार जाना

नानी माँ याद आये मुझे वो गुज़रा ज़माना।


तेरा वो परियों की कहानि सुनाना

तेरा वो खसिदा गाना

तेरा वो गोल गोल रोटी बनाना

और अपने हाथों से हर लुखमा प्यार से खिलाना

नानी माँ याद आये मुझे वो गुज़रा ज़माना।


तू चली गयी, तेरी यादें अब भी हैं बाकी

तेरी हर याद हैं खुशनुमा झाँकी

तू जी गयी बनके स्वच्छंद पाखी

जाते जाते भी तू सिखा गयी ज़िन्दगी का पाठ सुहाना।

नानी माँ याद आये मुझे वो गुज़रा ज़माना।


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