Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

umme salma

Abstract

4.6  

umme salma

Abstract

मैं आज की नारी हूं

मैं आज की नारी हूं

1 min
585


जन्नत से नेमत बनके उतारी हूं

खुशियों की मैं किलकारी हूं

स्नेह की मैं पिटारी हूं

प्रेम की मैं फुलवारी हूं

भगवान मैं तेरी आभारी हूं

कि मैं आज की नारी हूं।


मात पिता की न्यारी हूं

पती की मैं प्यारी हूं

दोस्तों की मैं दुलारी हूं

दुश्मनों पर मैं भारी हूं

भगवान मैं तेरी आभारी हूं

कि मैं आज की नारी हूं।


कलमश्ता से मैं आरी हूं

मैं अधूरी नहीं, मैं सारी हूं

मत समझना के मैं बेचारी हूं

खुद से कइयों को मैं सुधारी हूं

भगवान मैं तेरी आभारी हूं

कि मैं आज की नारी हूं।


प्यार से सींचती मैं रिश्तेदारी हूं

गर्व से निभाती मैं ज़िम्मेदारी हूं

कर्म तट पर ज़िन्दगी गुज़ारी हूं

देश पर अपने मैं भी वारी हूं

भगवान मैं तेरी आभारी हूं

कि मैं आज की नारी हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract