नाम लिखने आई हूँ
नाम लिखने आई हूँ
तेरी बातें मेरे दिल मैं ऐसे चुभती है,
जैसे आंखों से गोली मारी हो।
यादों मैं आपकी जिंदगी कट गई,
जैसे रुह दिल मैं हो मगर धड़कन रुकी हो।
मैं जानती हूँ मुज़े आपके प्यार जरुरत नहीं,
मैं तो ए जिंदगी पे आपका नाम लिखने आई हूँ।
हर मुलाकात आपकी चाहत का पैगाम देती है,
जैसे आंखों से प्यार का इकरार हुआ हो।
चलते चलते एसा महसुस होता है जैसे,
अपना कोई चुपके से देख रहा हो जैसे।
एक लम्हों मैं सफ़र हो गया जिंदगी का जैसे,
जिंदगी ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी हो जैसे।
इस तरह लब्ज़ सोचती है आपको जैसे,
जैसे धड़कन आपकी गुलाम हो गई हो जैसे।
