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Ramdev Royl

Abstract

4.5  

Ramdev Royl

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नाम करणों पड़े (राजस्थानी भाष)

नाम करणों पड़े (राजस्थानी भाष)

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338


नाम खुद करणों पड़े कोई कराव कोनी

दुनिया रुला गे राजी है कोई हंसाव कोनी

ओर भोकणिया माणसा हु डरी ना जवान

इतिहास गवाह है भोकणिया कुत्ता क दे खाव कोनी;


मुंह पर सच्ची कहणिया माणस गी बात झुठ होव कोनी

और हमेशा झुठ बोलणिया किसी ग काम आव कोनी

जीवन म आ ग बढन खातर अकेलो ही चालणो पड़े 

क्योंकी लोग रास्तों बताव साथ साथ चाल कोनी;


काम के शुरू में असफलता समझदार घबराव कोनी

तू मेहनत कर डरी ना तेरी मेहनत बेकार होव कोनी

थे थारो करो दुसरा ग काम म टांग अड़ाया ना क्योंकि

 दुसरा ग काम म टांग अड़ाणिया कामयाब होव कोनी:


लोग बस स्वाद लेव साथ दे के राजी कोनी

थारे कामयाब होते ही लोग थान छोड़ गे राजी कोनी!



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