नाम आसमाँ पर हमें लिखना है
नाम आसमाँ पर हमें लिखना है
मेरे उम्मीद के रंगों को जरा ऊपर तो उठाना
दूर तक छितरे नीलगगन पर अपना इंद्रधनुष सजाना है।
कुसुम यादों के सरोवर में मुरझाने न पाएं
रात वादों की अपने गहराने न पाए।
किसी के आने का संदेशा काग के सुनाने से पहले
खुलकर, निखरकर दिन के मुस्कराने से पहले।
रंग भरते हमें बहुत दूर जाना है
प्रवास करते हैं जो ठंड भर को यहां।
उन पक्षियों का डाली डाली नीड़ सजाना है
मेहनत, मदद, मुद्दतें लिखनी हैं।
खुशी की कूची से ख्वाहिशें भरनी है
झुककर धरती सा रहेंगे मगर ऊंचा सपना होगा।
काम ऐसा करेंगे आसमाँ अपना होगा।
