न रुकना कभी
न रुकना कभी
न रुकना कभी,न झुकना कभी,
वक़्त मुश्किल है,न थमना कभी।
बन जा अपना मुक़द्दर,अपना मसीहा,
तू ख़ुद से भी लड़ना कभी ।
दुनिया तो हर बार रुकेगी तुझे,
पर तू हौसला न हारना कभी ।
दौड़ रहा है ज़माना इस तेज़ी से,
कभी रुक कर दर्द किसी का न पूछा कभी।
कौन है जो ख़ुश है हर किसी से,
तू अपनी ख़ुशी के लिए भी सीख चलना कभी ।