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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

न जीता,न हारा हूं

न जीता,न हारा हूं

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जिंदगी में न जीता हूं,न हारा हूं

में तो अपनी मौज का तारा हूं


यहां पे दोस्त क्या, दुश्मन क्या,

मैं तो सबका ही भाई प्यारा हूं


न कोई ख्वाहिस, न कोई गम,

हर ओर से दरिया का किनारा हूं


जिंदगी मेरी न हंसी, न रोई है,

मैं अपने दर्द का भाईचारा हूं


अपनी ही ख़ुदी में बस जीता हूं,

मैं मतलबी दुनिया से न्यारा हूं


जिंदगी में न जीता हूं,

न हारा हूं मैं अपनी ही मौज का तारा हूं।


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