मयस्सर
मयस्सर
बंगला हो या महल मयस्सर तो हो जिंदगी में
वरना सर छुपाने के लिए झोपड़ा ही काफी है।
स्वादिष्ट पकवान छप्पन भोज जिंदगी में मयस्सर तो हो
वरना पेट भरने के लिए तो सूखी रोटी भी काफी है।
महँगे महँगे वस्त्र पहनने की इच्छा
सब की होती है पर वो मयस्सर तो हो
वरना तन ढकने के लिए सस्ते वस्त्र भी काफी है।
महंगे-महंगे आभूषण सब की किस्मत में नहीं होते
इच्छाएँ पूरी करने के लिए नकली आभूषण भी काफी है।।