मुठी भर मुश्किलें
मुठी भर मुश्किलें
है सफल वही जो संघर्षशील
ना काम आता अहंकार है
कभी भी हार कर ना बैठना
अब ये वक़्त की पुकार है
बस हैं मुठी भर सी मुश्किलें
जिन्हे तोड़ने को तू तैयार है
ये बेड़ियों की जकड़न तुझे
कमज़ोर कर ना पायेंगी
तेरे खुद के बुद्धि बल के आगे
इन आती मुसीबतों की हार है
बस हैं मुठी भर सी मुश्किलें
जिन्हे तोड़ने को तू तैयार है
धैर्य रख बस कर्म कर
गर बुलंदियों की दरकार है
सफलता से चूकता नहीं कभी वो
संघर्ष ही जिसके जीवन का सार है
बस हैं मुठी भर सी मुश्किलें
जिन्हे तोड़ने को तू तैयार है।
