मुस्कान
मुस्कान
तेरे होठों के हर एक मुस्कान पर
मुझे लिखना नाम मेरा है
जब भी भीगे तेरी पलके हवा का झोंका
बनकर तेरे गालो को झू कर गुजरना है
जब भी आए तुझे याद मेरी तेरी यादों में
चुपके से आना है तुझे नई दुनिया की सैर कराना है
तेरे होठों के हर एक मुस्कान पर
मुझे लिखना नाम मेरा है
चाहें तुझको हो मुझसे कितने गिले
मुझे फिर भी तुझे मनाना है
तू चाहे रूठने की हद भी पार कर दे
मुझे फिर भी तेरी गली में आना है
तेरे होठों के हर एक मुस्कान पर
मुझे लिखना नाम मेरा है!