Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

संजय कुमार

Inspirational

3  

संजय कुमार

Inspirational

मुसाफिर

मुसाफिर

1 min
59


चले मुसाफिर राह पर,

गिन गिन कर हर पैर।

एक दिन मंजिल मिल जाएगी

ये तो है एक शैर,

मुसाफिर ये तो है एक शैर।


पैर मुसाफिर से हैं कहते

हमको नहीं कोई कैर।

साथ तुम्हारा मुझ संगत है तो 

हम करते रहेंगे शैर

मुसाफिर करते रहेंगे शैर।


पग पग से मंजिल है मिलती 

मिला न ये एक बार।

रुके अगर न राह पर 

तो हर राह करेंगे पार

दो पग संग राह करेंगे पार।


चले राह कांटे मिले

हर कांटे को फैंक।

कांटे देख जो मन घबराए, 

न मंजिल तु देख मुसाफिर 

न मंजिल तु देख।


काटें चुन चुन के है हटाना

चलना पूरी राह।

बिन काटें कोई राह नहीं

हर काटें संग राह

मुसाफिर हर काटें संग राह।


जिसने काटें न देखें हैं

चलता रहा हर पल।

चल चल हर रहा पे वो 

पहुंचे हर मंजिल

मुसाफिर पहुंचे हर मंजिल


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational