मुसाफिर हूँ यारों
मुसाफिर हूँ यारों
जिंदगी की इस राह पर में अकेला चल रहा हूं,
राह पर आनेवाली मुसीबतों को मैं सह रहा हूं,
में तो जिंदगी ऐसा मुसाफिर हूँ यारों,
मैं हमेशा अपनी मंजिल पर पहुंचना चाहता हूं।
जिंदगी की राह पर बहुत बदलाव देख चूका हूं,
सोचकर आगे बढ़कर कामयाब होना चाहता हूं,
मैं तो जिंदगी का ऐसा मुसाफिर हूं यारों,
मैं हमेशा जिंदगी के खेल को जीतना चाहता हूं।
राह पर कोई नफरत करे तो मैं अनदेखा करता हूं,
प्रेम की ज्योत मैं सब के दिल में जलाना चाहता हूं,
मैं तो जिंदगी का ऐसा मुसाफिर हूं यारों,
मैं हमेशा मानवता की मिसाल बनना चाहता हूं।
एक पल हंसना, एक पल रोना, वो मैं जानता हूं,
सात दिन की यह जिंदगी को मैं जीना चाहता हूं,
"मुरली" जिंदगी का ऐसा मुसाफिर हूं यारों,
मैं हमेशा अपने जनम को सफल करना चाहता हूँ।
