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Vikrant Kumar

Inspirational

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Vikrant Kumar

Inspirational

सीधी बात

सीधी बात

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सीधे सादे दोस्त मेरे,

करते सीधी बात।


लाग लपेट आता नहीं,

मुँह पे कहते साच।


झूठ फरेब से कोसों दूर,

दिल की सुनते आवाज।


सच के लिए मर मिटने को,

हर दम रहते तैयार।


खुशी हो या हो गम

दोस्त में बसते प्राण।


दोस्ती के इस रिश्ते का

आधार यही बस

मुँह पे सीधी बात


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