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मुम्बई की लाइफ -स्टाइल

मुम्बई की लाइफ -स्टाइल

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ना चांद है ना तारे बस पर्दे पर हैं सितारे

माचिस की डिबिया से घर में रहते हैं यहां पर सारे

धूप से तो जैसे नाता ही नहीं खुली हवा को कौन पुकारे

AC की ठंडक में दिन भर और रात भी गुजारे


सड़क तो है पर चलने को जगह नहीं

गाड़ियाँ तो है पर ट्रैफिक कभी खुला नहीं

खाना तो है पर खाने के लिए वक्त नहीं

परिवार तो है पर साथ बिताने के लिए वह लम्हा नहीं


फोन से ही होती है सारी बातें

और अब तो वीडियो कॉल पर ही पूरी हो जाती है मुलाकातें

क्रिकेट हो या फुटबॉल हॉकी हो या बास्केटबॉल

खेले जाते हैं सब मोबाइल फोन पर

टीम बन जाते हैं WhatsApp और Facebook पर


जाते हैं जिम हर सुबह और रात में पब को जाते

हुक्का बार तो मानो फैशन अब कहलाते

पेड़ो से नहीं है इनके नाते लेकिन घर में शो प्लांट लगाते

सब कुछ है यह खाते फिर डॉक्टर के पास जाते


BP शुगर और कोलेस्ट्रॉल तो अब अमीरों की शान कहलाते

डाइट प्लान के नाम पर बहुत सी चीजें अब यह ना खाते

लेकिन पार्टी में जब जाते दबा दबा कर खाते


बात निकली है तो बड़ी दूर तक जाएगी

और आगे लिखूंगा तो आपको शर्म आएगी

इसलिए थोड़े में ही ज्यादा समझो जिंदगी बाकी है

इसे जीना सीखो


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