मुझसे मोहब्बत है
मुझसे मोहब्बत है
तुम्हें मुझसे मोहब्बत है
ये जानता हूं मै,
ये बात अपने लब से
बता क्यों नहीं देत
अनमोल खजाना है
मुस्कुराहटें तेरी
थोड़ा सा मुझपे
लुटा क्यों नहीं देते
वो आग जो दिल में
लगाई थी कभी तुमने,
वो आग आज खुद ही
बुझा क्यों नहीं देते
एक अरसा हुआ हमको
चैन से सोये हुए,
मेरा चैन, मेरी नींद
लौटा क्यों नहीं देते।