STORYMIRROR

Ajay Pandey

Abstract

4  

Ajay Pandey

Abstract

मुझे याद है जरा जरा

मुझे याद है जरा जरा

1 min
207


 

वो प्यार की हसीन डगर

चले जो बनके हमसफ़र

वो चाहतों की बारिशें

मुझे याद है जरा जरा।


वो ज़ुल्फ़ की घटा तेरी

कांधों पे बेसबब गिरी

पलकों की वो सिफारिशें

मुझे याद है जरा जरा।


तेरी अदा, वो शोखियों

लवों की व

ो सरगोशियां

बाहों की वो गुजारिशें

मुझे याद है जरा जरा।


वो वक्त की पाबंदियां

वो चीखती खामोशियाँ

वो दिल की मौन ख्वाहिशें

मुझे याद है जरा जरा।


माना कि हम मिले नहीं

साथ दूर तक चले नहीं

पर प्यार की वो राहतें

मुझे याद है जरा जरा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract