राष्ट्रवीरों को नमन
राष्ट्रवीरों को नमन
दिल नमन करता है उनको
जो कहानी बन गए,
उम्र के दो चार पल क्या
ज़िंदगानी दे गए।।
झुका दिया अंबर को जिसने
सागर का मंथन कर गए,
ऐसे वीरों को नमन
जो अपनी कुर्बानी दे गए।।
दिल नमन करता है उनको
जो कहानी बन गए।।
देश पर देखा जो संकट,
खुद ही घर से चल दिये,
ना सुनी चौखट की आहट,
आंसुओं को तज दिए।।
माँ भारती की फीकी
चूनर जो देखी तो उसे
लहू से अपने रंग दिए,
दिल नमन करता है उनको
जो कहानी बन गए।।
इक हाथ में बांधा कलावा,
दूजे में राखी बंधी
दिल में चाहत प्यार की भर,
घर घर की किलकारी बन गए।
दिल नमन करता है उनको
जो कहानी बन गए।।
(पाक, चीन व आतंकियों के लिए)
चाहे तुम लाओ सिकंदर,
चाहे गौरी या के गज़नी
सीमा पे पृथ्वी खड़ा है,
कण कण में पोरस बस गए।
मर के जो पहुंचो नरक में,
तो पूछना खुद आप से
पाक के नापाक मन की,
क्यों निशानी बन गए।
दिल नमन करता है उनको,
जो कहानी बन गए।।
है हिमालय शान मेरा,
और गंगा मान मेरी,
भारत नहीं भूभाग कोई,
जिसकी तुम चाहत करो।।
है ये वो जीवन हमारा जिसपे,
सांसे निछावर कर गए
दिल नमन करता है उनको,
जो कहानी बन गए।।
आये कितने सूरमा
और तुर्रम खान कितने
एक ही ठोकर में सारे
धराशाई हो गए,
है गर्व हमको राष्ट्र पर
और गर्व शहीदों पर हमें
एक उजली भोर देकर
खुद रात काली ले गए।।
दिल नमन करता है उनको,
जो कहानी बन गए।।