मुझे पंछी बन उड़ जाने दो
मुझे पंछी बन उड़ जाने दो
मुझे पंछी बन उड़ जाने दो..
हवा के संग बह जाने दो
आसमान के इन रंगों में
मुझे भी अब रंग जाने दो
मुझे पंछी बन उड़ जाने दो..
डाल डाल पर बैठ-बैठ कर
संगीत मधुर अब गाने दो
फूलो की खुशबू जो महके
उस महक में अब खो जाने दो
मुझे पंछी बन उड़ जाने दो...
उड़ती रहूं मैं गगन तले जब
सुबह की लाली पड़ती रहे तब
ओस की बूंदें टपक-टपक कर
पंखों पर अब पड़ जाने दो
मुझे पंछी बन उड़ जाने दो..
ना कोई रोके ना कोई टोके
ना कोई धर्म ना जात पूछे
पंछी की तरह पंख फैला कर
दूर तलक तक अब जाने दो
मुझे पंछी बन उड़ जाने दो...
