मुझे चाहने के पहले सोच लेना
मुझे चाहने के पहले सोच लेना
मुझे चाहने के पहले सोच लेना,
मैं कई बार चाहा गया हूँ,
कई बार पाया गया हूँ,
कई बार छोड़ा गया हूँ,
तुम्हारे अंतस से निकला कोई भी शब्द,
जो प्रेम में डूबा होगा,
मुझे अवाक् नहीं कर पाएगा,
तुम्हारी छुअन सिहरन नहीं जगा पाएगी,
जिस्म का कोई भी कोना,
अबूझ नहीं,
सब खोजे जा चुके हैं,
देखे जा चुके हैं,
महसूस किए जा चुके हैं,
कोई भी राग मुझे सुर न दे पाएगा,
मेरे सारे साज छेड़े जा चुके हैं,
तोड़े जा चुके हैं,
तुम्हारे अंगों की खूबसूरती,
मुझे लुभा न पाएगी,
मैं देख चुका हूँ, इनका मायाजाल,
उलझ चिका हूँ,
खो चुका हूँ,
भुला चुका हूँ,
और हाँ वापस भी आ चुका हूँ,
पहेलियाँ तभी तक लुभाती हैं,
जब तक उत्तर न पता हो,
उत्तर जान लो, फिर उनका महत्व ही क्या,
तो सोच के बताओ,
क्या अब भी तुम मुझे चाहना चाहती हो..???

