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Shyam Kunvar Bharti

Abstract

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Shyam Kunvar Bharti

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मत तरसाओ ना

मत तरसाओ ना

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होली मे तुमको ना छोड़ेंगे हम

मुझे मत तरसाओ ना

अबकी फागुन तुमको लगाएंगे रंग

मुझे मत तड़पाओ ना


गोरे गालो गुलाल लगाएंगे हम सारा

रंग देंगे कोरी चुनरिया गोरी हम तुम्हारा

डलवा लो रंग अबकी तुम रानी

मत छिप जाओ ना


होली मे तुमको ना छोड़ेंगे हम

मुझे मत तरसाओ ना

आओ खेले होली दोनों खेल रहा जमाना

बच ना पाओगी हमसे मत बनाओ बहाना


भर लेंगे बाहों में तुमको जानी

तुम मत इठलाओ ना

होली में तुमको ना छोड़ेंगे हम

मुझे मत तरसाओ ना


मस्ती मे झूमे होली हम खेले संग

चुनरी भिंगा लो चोली रंगा लो रंग

संतोष भारती का यही है कहना

जालिम दिल ना जलाओ ना

होली में तुमको ना छोड़ेंगे हम

मुझे मत तरसाओ ना।


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