मत खोजो
मत खोजो
हर एक चेहरे पर, मुस्कान मत खोजो,
किसी के नसीब का, अंजाम मत खोजो !
डूब चुका है जो गन्दगी के दलदल में,
रहने दो यारों, उसमें ईमान मत खोजो !
फंस गया है जो मजबूरियों की क़ैद में,
उसके दिल में दबे, अरमान मत खोजो !
जो पराया था आज अपना है तो अच्छा,
उसमें अब वो पुराने, इल्जाम मत खोजो !
आदमी बस आदमी है, इतना समझ लो,
हर किसी में अपना, भगवान मत खोजो !
ये इंसान तो ऐबों का खज़ाना है दोस्तों,
उसके दिल से कोई, रहमान मत खोजो !!!