आकांक्षी मन ट्रैक और ठोकरें खाता है आकांक्षी मन ट्रैक और ठोकरें खाता है
किसी दुर्घटना वश आकर फँस गए थे वे भी अब मुस्करा रहे हैं, किसी दुर्घटना वश आकर फँस गए थे वे भी अब मुस्करा रहे हैं,