Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

shaily Tripathi

Inspirational

3.3  

shaily Tripathi

Inspirational

मस्ती रंगों की (Festival, day 3)

मस्ती रंगों की (Festival, day 3)

1 min
291


रंग से रंग कर स्वयं को मुक्ति पायें 'आप' से

अलग करलें आपको, ख़ुद की निजी पहचान से 

भूल जायें पद- प्रतिष्ठा, मान को अभिमान को 

आज केवल जीत लें बस, प्यार और उल्लास को 

समान्य से इन्सान बन कर, आज होली खेलिये

हैं दबायी भावनायें, आज सारी खोलिये, 

कौन मानेगा बुरा इस बोझ को भी छोड़िये 

आज बस मन की करें चिन्ता जगत की छोड़िये

भीग जायें रंग में, गोते लगायें भंग में 

पास आये जो कोई रंग दें उसे भी रंग में 

भूल जायें कौन क्या है, उम्र छोटी या बड़ी 

ससुर, देवर सा लगे और सास, साली सी भली 

आज गाली भी, ग़ज़ल सी, फाग में हैं बह रहीं

झांँझ सा मन बज रहा, नज़रें मंजीरा हो रहीं 

भावनायें रास और रस से तरंगित हो रहीं 

कृष्ण की मुरली मदिर ज्यों ध्वनित हिय में हो रही 

गाल हैं सबके गुलाबी, चुन्नियाँ भीगी हुईं 

साड़ियाँ रंग से रंगी तन से चिपक बहकी हुईं

प्रेम रंग के रंग से सभी को आज ऐसा रंगिये

साल भर उतरे नहीं जो, रंग पक्का लीजिए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational