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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

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कहाँ हम आ गए है आज खुद

को खोजते भटकते।

नगर ही हर डगर पे तेरा ही नाम

लिखा है तेरी अवनि के कण कण में

तेरा रूप देखा है।


क़ोई राम कहता है क़ोई भगवान

कहता है ।

हर साँसों की धड़कन में मैं एक 

राम लाया हूँ ।

मानवता के मूल्यों का मई भगवान लाया हूँ।


सुबह और शाम दिन और रात 

कलरव करती सरजू की धाराए

परम् पावन माटी की खुशबू मैं

साथ लाया हूँ।


मर्यादाओं की भीड़ में मर्यादाओं को

खोजता साकेत के पुरुषोत्तम

का श्री राम लाया हूँ।

नर में नरेंद्र माँ भारती 

के आशाओं का अभिमान

लाया हूँ।


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