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Vishal Sinha

Romance

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Vishal Sinha

Romance

मरने से पहले

मरने से पहले

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मत करना तू इंतज़ार मेरा मुन्तजिर होकर...

इक रोज़ मिलने आऊंगा तुझसे मरने से पहले....

जाने क्यों सुकून की नींद भी मुझे मयस्सर ना हुई...

मैं दस दफा जगता हूँ जगने से पहले....


अपनी नाकामियों का जिक्र करूं भी तो कितना करूं...

खुद को हारा हूँ मैं तुझको हारने से पहले....

कैद कर ले मुझे आंखों में तू सूरमा बनाकर....

कि तेरी आंखों में बिखरूं ज़माने में बिखरने से पहले...


कुछ बूंदे शराब की भी मुझ पर टपका देना....

घृत का प्याला मुझ पर उड़ेलने से पहले....

ढूँढना मुझे आसमान में उम्मीदें लेकर....

मैं हर रोज मिलने आऊंगा चांद उगने से पहले....


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