मर्ज ला इलाज प्यार ऐसा हुआ है
मर्ज ला इलाज प्यार ऐसा हुआ है
एक मुद्दत सी हो गयी इन्तजार में,
सांसे भी गिला करने लगीं याद में।
कोई कहदे उनसे हाल क्या हुआ है,
मर्ज-ला-इलाज प्यार ऐसा हुआ है।
टूट जाता हूँ जिस दिन भी अपने हालात से,
गम-ए-सजदा करता नहीं मुकद्दर की हार से।
उल्फत के साये में शिकवा नहीं नाकामियों से,
जिंदगी में परेशां नहीं होता गम-ए-हालात से।
ऐ रुखसत-ए-जिन्दगी तेरे प्यार में,
दिल टूट गया तुझे जीत कर हार में।
ऐ दर्द-ए-दिल क्या मिला है तकरार में,
जीने को उल्फत ही ना रही संसार में।