मोहन अभी भी आएं ना,,।
मोहन अभी भी आएं ना,,।
दिन भी सारा बीत गया,
मोहन अभी भी आए ना..
नयनों में इंतजार रहा,
अंखियों में बस नीर ही था..
मैं तो सांवरे की राह देखूं,
पर वो तो उस राह आए ही नहीं..
आस का दामन पकड़े हुए,
देखूं निहारूं राह वहीं..
शाम को जब श्याम मिले,
दिन की सारी बातें हुई..
सारी बातें भीगी हुई,
जब नयनों की बरसात हुई..
अंसुवन पूछे जब मोहन,
इससे भली क्या बात हुई..
नयना बंद हुए जब,
अन्तर्मन सुख साथ हुई..
जब खोली अपनी अँखियाँ,
तब श्याम नज़र नहीं आया..
अंसुवन से भीगा चेहरा,
अब यूं मुस्कुराना लगा..
श्याम का एहसास हुआ,
मन गीत श्याम गाने लगा..
