मोहब्बत
मोहब्बत
गर मोहब्बत होती तो समझाना नहीं पड़ता,
आँखों में आए आसूं दिखाना नहीं पड़ता,
उढ़ा देता वो अपना प्यार भरा आँचल मुझपे,
उसको होंठ हिला के कुछ बताना नहीं पड़ता।
बुरा भला जो भी कह लेता मैं उससे सुनता,
हर बार उसे मुझसे यूँ लड़ जाना नहीं पड़ता।

