मोहब्बत वाला रंग सदाबहार
मोहब्बत वाला रंग सदाबहार
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मौसम की तरह
रंग बदलना मुझे नहीं आता,
ना है ये मेरी फितरत
ना ही मुझे ये भाता।
मेरा रंग एक है
एक ही रहेगा ,
आज, कल और हमेशा ।
पहचान सकते नहीं, तो जान लो
वैसे, परख तो तुम भी चुके हो, कई मर्तबा
जानना चाहते हो, कौन सा है वो रंग ?
वो रंग है, मोहब्बत वाला ।
तुम इसे अब भी नहीं देख पा रहे !
तो जरा, अपने मन की नजरों को करो साफ
क्योंकि सिर्फ एक यही रंग है
जो पूरी कायनात में है सदाबहार ।।