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Nalanda Wankhede

Abstract

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Nalanda Wankhede

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मंज़र

मंज़र

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240



तोड़ दो सारी जंजीरे दिमागी गुलामी की 

चलना हो तो आजादी के साथ चला करो


कौन कहता है दहशतगर्दी ने झेंडे गाड़ दिए

तुम सदा अपने ईमान के साथ चला करो


सियासत है गूँगी बहरी बेवफ़ा तमाशाई

तुम आवाज की बुलंदी के साथ चला करो


निकलो तिलिस्म के जाल से बाहर

हक की लड़ाई के खातिर कंधे से मिलाकर कंधा साथ चला करो


मत करो तानाशाही का समर्थन ऐं किस्मतवालो

चलना हो तो संविधान के साथ चला करो


हुकूमत है बंजर जमीन नकाबपोश खुदगर्ज

तुम हरीभरी लहलहाती फसलो के साथ चला करो


कितना लहु बहा होगा 'नालंदा 'सुर्ख लिबास बता रहा 

तुम खंजरों की दीवानगी के साथ चला करो


खुशगवार मौसम को मत बनाओ पतझड़ ''

तुम सिर्फ बसंत के साथ चला करो!



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