मंज़िल फतेह करे
मंज़िल फतेह करे
अतीत अब परे,
वर्तमान में खड़े,
भविष्य की सोचों,
जो बीत गई,
उससे क्यों डरे,
हौसला बांध,
उमंग के साथ,
बस हम बढ़ चले,
मंज़िल होगी कदमों में गर,
वर्तमान को गले लगा,
भविष्य की और बढ़े,
अतीत को रख परे।
अतीत अब परे,
वर्तमान में खड़े,
भविष्य की सोचों,
जो बीत गई,
उससे क्यों डरे,
हौसला बांध,
उमंग के साथ,
बस हम बढ़ चले,
मंज़िल होगी कदमों में गर,
वर्तमान को गले लगा,
भविष्य की और बढ़े,
अतीत को रख परे।