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अंजनी कुमार शर्मा

Tragedy

4.8  

अंजनी कुमार शर्मा

Tragedy

मनहरण घनाक्षरी- श्रमिक

मनहरण घनाक्षरी- श्रमिक

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पैरों के घावों में हैं नमक रगड़ते नेता, 

श्रमिकों का दर्द उन्हे नजर न आता है।

भूख प्यास सहकर तन कृषकाय हुआ,

उनका हरेक आंसू व्यथा को बताता है।

बड़े-बड़े वादे कर देते हैं चुनावों में वो, 

सत्ता मिल जाए जब वादा रह जाता है।

समता की बाते सब लगती हैं झूठी यहाँँ, 

पर सद्भावना का गीत गाया जाता है।


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