मन वसंत
मन वसंत
दोस्तों
बड़ा मजा
आता है जब मैं
साथ तुम्हारे होती हूँ
चहक चहक कर बात कहती
हर बात भूला जवान हो जाती हूँ
जीवन के हर पड़ाव की दास्ताँ सुनाती हूँ।
लगता है नहीं अब जरूरत है
किसी दवा या छड़ी की
खाने के परहेजों की
बीपी शूगर गोली
सब किनारे
खड़ी हो
जाती।
दोस्तो
तुम वसंत
मेरे मन का
सोए उपवन का
ऊर्जा हर कली की
जल प्रवाह हर टहनी का
शक्ति हिलौरे लेती हर पत्ती का
आगमन मेरे जीवन में नव वसंत का
मन इंद्र धनुष बन ब्रह्माण्ड पर छा जाने का।
बस वहीं बसना चाहूँ तुम सब के संग
मन उत्श्रृंखल वसंत आने पर
मन कलियाँ खिलने पर
आशाओं के फूल
मुस्कुरा कर
खुश्बू देते
दोस्तों
पर।