मन को बहल जाने दो
मन को बहल जाने दो
बुरे से बुरे दिन में भी कुछ अच्छा होता है
कुछ और नहीं तो मन को बहल जाने दो।
हर बार लड़ना जरुरी नहीं होता हालात से
ठहर जाओ, इस तूफ़ां को गुज़र जाने दो।
और फिर करेंगे कोशिश अपनी राह बनाने की
बस थोड़ा सा इस पल को सुलझ जाने दो।
इतनी बुरी भी नहीं है दुनिया की जी न सके
गम का पीछा छोड़ दो, खुशियों को तो आने दो।
सुख-दुःख आता-जाता रहता है जीवन में
बार-बार दुखों को याद कर आँसू मत आने दो।
नयी शुरुआत, नए हालात में होती है
इन सिमटी हुई चीज़ों को कभी बिखर जाने दो।
हमारी भी जिंदगी बहुत खुशहाल होगी
कुछ और नहीं तो मन को बहल जाने दो।।