मन की गिरहें
मन की गिरहें
मन की गिरहें खोल दो
हृदय हों अनुयायीं
मन वेदना से तुम
अंतस मन नवनिर्मित
बोल दो,
शब्दों से अपने भाव
विचारधाराओं से
तुम घोल दो,
रिश्तों से निकाल तुम
मन व्यथा से अपना
निर्णय विचार से
खोल दो।
मन की गिरहें खोल दो
हृदय हों अनुयायीं
मन वेदना से तुम
अंतस मन नवनिर्मित
बोल दो,
शब्दों से अपने भाव
विचारधाराओं से
तुम घोल दो,
रिश्तों से निकाल तुम
मन व्यथा से अपना
निर्णय विचार से
खोल दो।