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Gyaneshwar Anand GYANESH

Inspirational

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Gyaneshwar Anand GYANESH

Inspirational

मजदूरों के दर्द पर "ज्ञानेश्वर आनन्द ज्ञानेश" के दोहे

मजदूरों के दर्द पर "ज्ञानेश्वर आनन्द ज्ञानेश" के दोहे

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१- लॉकडाॅन में फँस गए, बेचारे मजदूर।

   खाने को भोजन नहीं, घर से हैं अति दूर।।


२- मालिक पल्ला झाड़ी कै, खड़े हुए हैं दूर।

   संकट की घड़ीयों में , भूख बनी नासूर।।

    

३- प्रशासन कुछ करे नहीं, भूखे हैं मजदूर।

   पैदल चलने पर सभी, बेबस हैं मजबूर।।

   

 ४-घर जाने को वापसी, पैदल चले मजदूर।

  मिली उन्हें गाड़ी नहीं, पाँव हुए मजबूर।।

 

 ५- घर वापसी को पैदल, चलके चकनाचूर।

   पैरों में छाले पड़े, मंजिल है अति दूर।।

   

६- आँखों में सपने सजे, लिये मिलन की प्यास।

   भुखे-प्यासे होकर भी, छुटी न घर की आस।।


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