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इश्क़ दर्दे सर है, बस ये जान लो, ज्ञानेश्वर। इसपे अब मैं गुफ्तगू, इससे ज़्यादा, क्या क इश्क़ दर्दे सर है, बस ये जान लो, ज्ञानेश्वर। इसपे अब मैं गुफ्तगू, इससे ज़्याद...
दर्द से कलेजा तक, भाई मुँह को आता है।। दर्द से कलेजा तक, भाई मुँह को आता है।।
देने से घटता नहीं, बढ़ता है दिन-रात। विद्या-धन संसार में , बाँट सके नहि भ्रात।। देने से घटता नहीं, बढ़ता है दिन-रात। विद्या-धन संसार में , बाँट सके नहि भ्रात...
आँखों में सपने सजे, लिये मिलन की प्यास। भुखे-प्यासे होकर भी, छुटी न घर की आस।। आँखों में सपने सजे, लिये मिलन की प्यास। भुखे-प्यासे होकर भी, छुटी न घर की ...
भुखे-प्यासे होकर भी, छुटी न घर की आस।। भुखे-प्यासे होकर भी, छुटी न घर की आस।।
मियां बचपन में लगता था के नैनीताल है दुनिया। मियां बचपन में लगता था के नैनीताल है दुनिया।
धिक्कार है ऐसे बेटों को, जो मां बाप की सेवा,कर ना सके। धिक्कार है ऐसे बेटों को, जो मां बाप की सेवा,कर ना सके।